Posted by: Team IndiaWave Last updated on : August 10, 2020

UP BEd Exams 2020: कोरोना पॉजिटिव भी देने आए थे परीक्षा, स्थिति भयावह

देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) का लगातार भले ही मीटर बढ़ रहा हो, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने इस कोरोना काल में भी कीर्तिमान रच दिया है। जी हां, रविवार को उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों ने राज्य स्तरीय संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) का आयोजन किया। यह परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) उत्तर प्रदेश के 73 जिलों में 1083 केंद्रों पर सम्पन्न हुई। इस परीक्षा के लिए कुल 4 लाख 31 हजार 904 अभ्यर्थियों ने अपना पंजीकरण कराया है, इसमें से परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) देने के लिए 3,57,064 अभ्यर्थी आए। इस परीक्षा में शामिल न आने वालों में कहीं न कहीं कोरोना वायरस (Coronavirus) का एक भयावह भी दिखा है। आखिर रहे भी क्यों न क्योंकि कई जगह पर कोरोना वायरस (Coronavirus) के संदिग्ध मरीज भी परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) देने के लिए आए थे।

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कोरोना वायरस (Coronavirus) के संदिग्ध मरीजों की वजह से स्थिति बहुत ही भयावह हो गई है। परीक्षा केंद्र पर परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) देने आने वाले अभ्यर्थियों में जहां भय बना हुआ हैं तो वहीं परीक्षा (Bed Entrance Exam 2020) दिलाने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों में भय व्याप्त है। अब सभी को चिंता सता रही है कि कहीं उन्हें भी कोरोना वायरस (Coronavirus) न हो जाए।

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लखनऊ के ऐशबाग में कोरोना पॉजिटिव ने दी परीक्षा

लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) की तरफ से कराई गई परीक्षा (Bed Entrance Exam 2020) में एक कोरोना पॉजिटिव (Coronavirus) अभ्यर्थी ने परीक्षा दी। लखनऊ के ऐशबाग स्थिति डीएवी कॉलेज में परीक्षा देने आए अभ्यर्थी की बात सोशल मीडिया पर भी शेयर हो रही है। हालांकि, अब उसने अपना एकाउंट निष्क्रिय कर लिया है। वेदांक सिंह ने सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए यूपी पुलिस सहित अन्य लोगों से तत्काल में जांच कराएं जाने की मांग की है।

उन्होंने 9 अगस्त को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की, जिसमें उन्होंने बताया कि एक ओम नाम का व्यक्ति 10 दिन पहले कोरोना पॉजिटिव (Covid-19) पाया गया था, यह परीक्षा उसके लिए महत्वपूर्ण थी इसलिए आज परीक्षा देने के लिए डीएवी कॉलेज (DAV Collage Lucknow) आया। वेदांत ने कहा कि जो भी व्यक्ति इस सेंटर पर परीक्षा (Bed Entrance Exam 2020) देने के लिए आए हैं, उन्हें तत्काल में क्वारंटीन कर लेना चाहिए। सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो रही उस अभ्यर्थी की बात से स्पष्ट है कि किस तरह से अभ्यर्थी अपने साथ में दूसरे लोगों की भी जान जोखिम में डाल रहे हैं।

इसकी असल वजह यह है कि अभ्यर्थियों को बहुत दिनों के बाद ही मौका मिला है। ऐसे ही परीक्षार्थी अपने साथ ही दूसरों को भी जोखिम में डाल रहे हैं। अब ऐसे ही 16 अगस्त को बीईओ (BEO Exams) की बड़ी परीक्षा आयोजित होनी है, उसको भी लेकर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्या इस कोरोना काल में लोगों की जान बचाना जरूरी है या फिर परीक्षा कराना जरूरी है।

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संदिग्ध परीक्षार्थी के मिलने से हड़कंप

कोरोना संक्रमण (Coronavirus) काल में बीएड प्रवेश परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) में बरेली (Bareli) के एक कॉलेज में उस समय हड़कंप मच गया जब एक अभ्यर्थी के शरीर का तापमान सौ के पार हो गया। यही नहीं, उसे उल्टी होने लगी और उसकी हालत बहुत ही खराब हो गई। इसकी जानकारी होते ही तत्काल उसे कक्ष से बाहर परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) दिलाई गई। संदिग्ध हालत में मिले अभ्यर्थी के बारे में जब स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया गया तो अभ्यर्थी परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) खत्म होते ही चला गया। टीम दूसरी पाली की परीक्षा का इंतजार करती रही, लेकिन अभ्यर्थी परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) देने लिए आया नहीं है। अब यहां के अभ्यर्थियों के साथ ही साथ स्टॉफ में काफी भय भी व्याप्त है। बरेली जिले के विष्णु इंटर कॉलेज को भी केंद्र बनाया गया था। 

स्कूल की तरफ से दावा किया जा रहा है कि यहां पर पहली पाली के दौरान थर्मल स्क्रीनिंग में सभी का तापमान सामान्य रहा। परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) शुरू हुई तो यहां पर एक क्लास में युवक की तबीयत खराब हो गई। तापमान चेक किया गया तो वह करीब 102 डिग्री मिला, जिसके बाद कक्ष में बैठे सभी अभ्यर्थी और ड्यूटी कर रहा स्टाफ दहशत में आ गया है। संदिग्ध को तत्काल कक्ष से बाहर बैठाकर परीक्षा की व्यवस्था कराई गई। परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) के खत्म होते ही संदिग्ध परीक्षा केंद्र से बाहर निकल गया और स्वास्थ्य विभाग को सैंपलिंग के लिए कॉलेज बुलाया गया। लेकिन अभ्यर्थी दूसरी पाली में परीक्षा देने ही नहीं आया। इसके बाद संदिग्ध अभ्यर्थी परीक्षा कक्ष में नहीं आया। अभ्यर्थी संक्रमित था या नहीं इसे लेकर अब कक्ष में मौजूद रहे 29 अभ्यर्थी और स्टाफ के अंदर दहशत व्याप्त हैं। 

हालांकि, अब सबसे बड़ा यह सवाल है कि किसी भी अभ्यर्थी के शरीर का तापमान अगर नापा गया तो फिर अचानक कैसे करके उसका बढ़ गया है। स्कूल के प्रधानाचार्य की तरफ से दावा किया जा रहा है कि विद्यालय में सभी विद्यार्थी का थर्मल स्क्रीनिंग से तापमान नापा गया है। उस अभ्यर्थी का अभी तक एंटीजन किट से जांच न हो पाने की वजह से सबमें दहशत व्याप्त है। अब सवाल यह भी उठ गया है कि दहशत कहें या कॉलेज प्रशासन की अनदेखी संदिग्ध संक्रमित अभ्यर्थी बाहर चला गया। कॉलेज के एक शिक्षक ने आशंका जताई कि अगर वह पॉजिटिव (Coronavirus) हुआ तो दो घंटे तक कक्ष में होने से संबंधित स्टाफ और क्लास में परीक्षा दे रहे अन्य 29 अभ्यर्थियों को भी वह संक्रमित कर चुका होगा।

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लखनऊ में एक स्कूल में मिले 30 संदिग्ध

लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) की तरफ से कराई जा रही परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) में इस बार सरकारी कॉलेजों को ही केंद्र बनाया गया है। लखनऊ के सरोजनीनगर में स्थित सैनिक स्कूल में परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) देने पहुंचें 30 से ज्यादा अभ्यर्थियों को केंद्र के बाहर रोक दिया गया। उन अभ्यर्थियों का तापमान भी सामान्य से अधिक था। परीक्षार्थियों की तरफ से जब नाराजगी जताई गई, तो फिर उन्हें परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) दिलाई गई। ऐसे अभ्यर्थियों को अलग बैठाकर परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) कराई गई। ऐसे ही लखनऊ के अमीनाबाद इंटर कॉलेज, महिला विद्यालय डिग्री कॉलेज, डीएवी इंटर कॉलेज में भी देखने को मिला। यहां पर भी संदिग्ध व्यक्तियों को नहीं बैठने दिया गया। 

लविवि में ही बेहोशा हो गई छात्रा

लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) की तरफ से परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) का आयोजन किया गया था। लेकिन यहां के विश्वविद्यालय (Lucknow University) में ही बेहतर व्यवस्था नहीं थी। यहां पर दूसरी पाली में कला विभाग के 14 नंबर कमरे में एक छात्रा की अचानक तबीयत खराब हो गई। अचानक में छात्रा की तबीयत खराब होने पर डॉक्टरों की तलाश शुरू हुई, लेकिन इस परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) का आयोजन कराने वाले विश्वविद्यालय (Lucknow University) में ऐसी व्यवस्था नहीं थी।

लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) में ही कराई गई परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) में किसी भी डॉक्टर की ड्यूटी भी नहीं लगाई गई थी। डॉक्टरों की व्यवस्था न होने की वजह से आनन-फानन में उसके भाई को बुलाया गया। करीब आधे घंटे बाद वह परीक्षा देने की स्थिति में भी नहीं आई।

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परीक्षार्थियों ने कहा, सात दिन रहेंगे आइसोलेट

लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) की तरफ से कराई गई परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) ने लोगों के मन में शंका डाल दी है। जिस तरह से केंद्रों पर थर्मल स्क्रीनिंग भी नहीं हुई हैं, उससे सवाल उठना भी लाजिमी है। यही नहीं, कई केंद्रों पर संदिग्ध लोगों को अलग बैठाया भी गया है, तो कई सेंटर पर बेहेशा भी हो गए हैं। ऐसे में अब सवाल उठने लगे हैं कि आखिर क्या परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) का आयोजन कराना बहुत जरूरी है। बीएड परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) देने वाले अभ्यर्थी दिनेश मिश्रा ने बताया कि मेरा सेंटर लखनऊ में पड़ा था। यहां पर जिस तरह की व्यवस्था थी, उससे अब मन में घबराट होने लगी है। उन्होंने कहा कि मैंने खुद को अब 7 दिनों के लिए परिवार से अलग कर लिया है। 

रमेश कुमार ने कहा कि कोरोनो वायरस (Coronavirus) संक्रमण के जोखिम के चलते उन्होंने इस साल परीक्षा छोड़ दी है। उन्होंने कहा कि अब अगले साल मैं परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) दूंगा। उन्होंने कहा कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि अधिकारियों ने सोशल डिस्टेंसिंग नियमों पर क्या दावा किया है, लेकिन जब एक केंद्र पर एक हजार से अधिक उम्मीदवार इकट्ठा होंगे, तो सुरक्षा निर्देशों को लागू करना कठिन होगा। 

उन्होंने बताया कि मैंने सब देखकर ही फैसला लिया था और आज मीडिया में खबरें आपको मिल भी रही है। उन्होंने कहा कि जब लोग किराने की दुकानों पर दूरी नहीं बना पाते हैं, तो वे एक परीक्षा केंद्र पर ऐसा कैसे संभव होगा। वहीं, अनविता सिंह ने कहा कि मैंने अपनी जान जोखिम में डालकर परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) दे दी है। लेकिन जिस तरह की स्थिति रही है और केंद्रों से जो खबरें आ रही है, ऐसे में मैंने अपने को अब अपने परिवार से अलग कर लिया है। 

परीक्षा केंद्रों पर मौजूद अभ्यर्थियों के परिजनों में भी काफी आक्रोश देखने को मिला। सरकार की ओर से परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) कराने के निर्णय को अव्यवहारिक करार दिया है। सभी सरकार के निर्णय पर काफी आक्रोशित दिखाई दिए। उनका कहना था कि बीते करीब छह माह से टाली जा रही थी, परीक्षा करीब दो माह तक और आगे यह परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) भी टाली जा सकती थी। जब सरकार अपने सारे कामकाज ऑनलाइन मीटिंग के जरिए कर रही है तो बच्चे कोई ट्रायल की चीज नहीं हैं। ऐसे में सरकार की तरफ से यह कदम नहीं उठाना चाहिए था। 

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क्या कहते हैं अधिकारी और मंत्री

लाखों लोगों की जान जोखिम में डालकर परीक्षा कराने वाले उत्तर प्रदेश के अधिकारी अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने 'लखनऊ विश्वविद्यालय व अन्य विश्वविद्यालयों के कुलपति, अधिकारियों, जिला प्रशासन के अधिकारियों एवं परीक्षा से जुड़े सभी अधिकारियों को बधाई दी है।'

वहीं, उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग ने कहा कि बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) कई मानकों में अब बेंचमार्क साबित होगी। वह कहती है कि अभ्यर्थियों की इच्छाशक्ति, विभाग के प्रबंधन से परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020) को शांति तरीके से सफलतापूर्वक संपन्न कराया गया है। उनकी तरफ से दावा किया जा रहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए हर केंद्र पर पहले की तुलना में 50 प्रतिशत अभ्यर्थियों को ही बैठाया गया।

उन्होंने कहा कि सभी अभ्यर्थियों को मास्क और फेस शील्ड भी दिया गया था, जबकि परीक्षा (UP Bed Entrance Exam 2020)  देने वाले अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्हें कुछ मिला ही नहीं। उन्होंने कहा कि संक्रमण से बचने को अभ्यर्थियों के अंगूठे के निशान के लिए परंपरागत पैड की जगह इंक स्ट्रिप उपलब्ध कराई गई।

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