आज नवरात्र के पहले पावन दिन पर श्री राम जन्मभूमि में विराजमान रामलला को सुबह पांच बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टेंट से निकालकर अस्थायी मंदिर में विराजित कर दिया है। राम मंदिर के निर्माण तक रामलला यहीं रहेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलला को टेंट से निकाल स्वयं अपनी गोद में बैठाकर वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच अस्थाई मंदिर में विराजमान किया है।
इसके बाद रामलला की आरती की गई। इस पूरे कार्यक्रम के दौरान कोरोना से सतर्कता बरतते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया गया। आरती व पूजा के बाद सीएम योगी गोरखपुर के लिए रवाना हो गए।
रामलला के मंदिर में विराजमान होने के बीच राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, महामंत्री चम्पत राय, ट्रस्ट के सदस्यगण निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेन्द्र दास, अयोध्या राज परिवार के मुखिया विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह डॉ. अनिल मिश्र, जिलाधिकारी अनुज झा सहित कई और भी संत उपस्थित रहे। कोरोना वायरस के डर से बाकी श्रद्धालुओं के आने पर मनाही थी।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय को 11 लाख रुपए का चेक भी रामलला के लिए सौंपा। मुख्यमंत्री की ओर से दी गई इस राशि को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते में जमा कराया जाएगा।
रामलला को जिस आकर्षक व सुंदर सिंहासन पर बैठाया गया है वह चांदी का बना है और इसका वजन 9.5 किलोग्राम है। इसके पिछले हिस्से पर सूर्य देव की आकृति और दो मोर बने हैं। अब तक टेंट में रामलला लकड़ी के सिंहासन पर बैठे थे। अब सिंहासन पर रामलला अपने तीनों भाइयों और सालिकराम के विग्रह के साथ अस्थायी नए आसन पर बैठाये गए हैं।
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रामलला को अभी फाइबर के मंदिर में शिफ्ट किया गया है। ये फाइबर का मंदिर 24 गुने 17 वर्गफुट आकार के साढे तीन फुट ऊंचे चबूतरे का बना है। इसकी उंचाई 25 फुट है और इसके चारों ओर सुरक्षा के लिए एंगल व बॉर्डर से मजबूत कवच बनाया गया है। राम लला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को तीन हिस्से से होकर गुजरना पड़ेगा। पूरे रास्ते में एलईडी बल्ब लगाये गए हैं। मंदिर की दीवारें मलेशिया की ओक लकड़ी की स्ट्रिप्स को जोड़ कर बनाई गई है।
राम जन्मभूमि में विराजमान रामलला के मूर्ति को विराजमान करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या मंदिर निर्माण का आह्वान कर रही है। मंदिर निर्माण के मद्देनजर पहला चरण संपन्न हो गया है। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम त्रिपाल से नए आसन पर विराजमान हो गए हैं। अब इसके बाद मंदिर निर्माण की दिशा में आगे की प्रक्रिया का श्रीगणेश होगा।