Posted by: Team IndiaWave Last updated on : May 12, 2020

कोरोना : प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों को भारत सरकार ने दिया बड़ा तोहफा

कोरोना (corona) काल के दौरान अभी तक कर्मचारियों के लिए कोई अच्छी खबर सामने नहीं आ रही थी, लेकिन आज पहली ऐसी खबर सामने आई जिसको सुनते ही कर्मचारी खुश हो जाएंगे। दरअसल लॉकडाउन (lockdown) के बाद कामकाज शुरू करने वाली सभी कंपनियों के लिए कर्मचारियों को मेडिकल इंश्‍योरेंस (medical insurance) देना जरूरी कर दिया है। 

अब इसका मतलब ये है कि अब हर कंपनी को मेडिकल इंश्‍योरेंस (medical insurance) अपने कर्मचारियों को देना ही होगा। लिबर्टी जनरल इंश्‍योरेंस (Liberty General Insurance) के सीईओ (CEO) और डायरेक्‍टर रूपम अस्‍थाना (rupam asthana) ने आज कहा कि पहले संस्‍थानों को अपने कर्मचारियों को हेल्‍थ इंश्‍योरेंस (health insurance) कवर उपलब्‍ध कराना जरूरी नहीं था, हाँ लेकिन कुछ संस्‍थान ऐसे भी है जो अपने कर्मचारियों के लिए ग्रुप इंश्‍योरेंस पॉलिसी देते रहे हैं।

अभी तक कॉरपोरेट ग्रुप इंश्‍योरेंस पॉलिसी (Corporate Group Health Insurance) मुख्‍य रूप से कर्मचारी के अस्‍पताल में भर्ती होने के खर्च को कवर करती रही है। इसमें अब जीवनसाथी या माता-पिता को भी कवर किया जाएगा।  

बीमा नियामक इरडा (Insurance Regulatory and Development Authority) ने इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया है, और उस सर्कुलर में कहा गया है कि सभी औद्योगिक और कमर्शियल प्रतिष्‍ठानों, दफ्तरों और फैक्ट्रियों को कामकाज शुरू करने से पहले स्‍टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) को अपनाना अति आवश्यक है।

आपको बता दें कि अब सोशल डिस्‍टेंसिंग के नियमों का पालन करने के साथ उन्‍हें सभी कर्मचारियों को मेडिकल इंश्‍योरेंस पॉलिसी देना अनिवार्य हो गया है। साथ ही सर्कुलर में इरडा ने बीमा कंपनियों से कॉम्प्रिहेंसिव हेल्‍थ पॉलिसी मुहैया कराने का सुझाव भी दिया है।
डॉक्‍टर एस. प्रकाश स्‍टार हेल्‍थ एंड एलाइड इंश्‍योरेंस (Star Health and Allied Insurance) के एमडी ने भी इस संबंध में कहा है कि, हेल्‍थ इंश्‍योरेंस कवर उपलब्‍ध कराने का कदम कर्मचारियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा।

डॉ प्रकाश ने आगे कहा कि गृह मंत्रालय (home ministry) के आदेश के अनुसार सभी कंपनियों को इसे कर्मचारियों को उपलब्‍ध कराने के लिए कहा गया है। कोई भी इसे खारिज नहीं कर सकता है।
ईएसआई (ESI) के तहत जिस व्‍यक्ति का बीमा होता है उसे कई तरह के लाभ मिलते हैं। इनमें सिकनेस, मैटरनिटी, डिसेबलमेंट, मेडिकल बेनिफिट आदि सुविधाएं शामिल हैं।

इसके साथ ही इसमें मेडिकल बे‍निफिट ओपीडी इलाज के लिए इंश्‍योरेंस कवर होता है। आपको बता दें कि श्रम कानून के अनुसार, कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम (ESI ) अधिनियम, 1948 के तहत संगठित क्षेत्र के उन कर्मचारियों को मेडिकल इंश्‍योरेंस दिया जाता रहा है जिनकी मासिक सैलरी 21,000 रुपये या इससे कम होती है।