
कहते हैं कि अगर हौसला हो तो फिर क्या कुछ नहीं किया जा सकता है। यह साबित कर दिया है महज सात साल की उम्र में अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारों को फतेह करने वाले समन्यु पोथुराजु ने।
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7 साल की उम्र में अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलीमंजारो फतेह करने वाले समन्यु पोथराजु बने दुनिया के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही
कहते हैं कि अगर हौसला हो तो फिर क्या कुछ नहीं किया जा सकता है। यह साबित कर दिया है महज सात साल की उम्र में अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारों को फतेह करने वाले समन्यु पोथुराजु ने।
हैदराबाद के रहने वाले समन्यु पोथराजु ने मात्र सात साल की उम्र में अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी पर तिंरगा फहराकर एक नया मुकाम हासिल किया है। अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराने वाले समन्यु सबसे कम उम्र में चोटी को फतेह करने वाले पर्वतारोही बन गए है। समन्यु से यह साबित कर दिया है कि जब हौसला और जज्बा हो तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं होता। अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो बड़ी सी बड़ी मुश्किलों भी आसान हो जाती है।
महज सात साल की उम्र से ही पर्वतों की चोटी को फतेह करने निकल पड़े हैदराबाद के समन्यु पोथुराजु ने 29 मार्च से इतिहास रचने निकल पड़े थे। समन्यु अपने कोच थम्मिनेनी भरथ के साथ उस कड़ाके की ठंड में अफ्रीका के तंजानिया स्थित किलिमंजारो की ऊहरू चोटी पर 2 अप्रैल को पहुंचे। दोनों ने समुद्र तल से 5,895 मीटर ऊंचाई पर तिरंगा लहराया। समन्यु ने 29 मार्च को बेस कैंप से चढ़ाई शुरू की थी और 2 अप्रैल को यह कारनामा कर दिखाया। इस कठिन सफर में समन्यु की मां लवन्या और कोच भी उनके साथ थे। इसके अलावा साथी पर्वारोही शांगाबांदी सरूजाता और एक अन्य महिला और तंजानिया के एक स्थानीय चिकित्सक भी उनके साथ थे। समन्यु ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि यह कठिन था लेकिन हौसले बुलंद थे। समन्यु ने कहा, ''जब मैंने पहाड़ पर चढ़ाई शुरू की तो बारिश हो रही थी, रास्ता पत्थरों से भरा आ था। मैं डरा था और मेरे पैरों में दर्द हो रहा था, लेकिन इसके बावजूद मैंने बाकी की चढ़ाई पूरी की। मुझे बर्फ पसंद है और इसलिए मैंने किलिमंजारो को चुना।''
समन्यु से जब उनकी पंसदीदा चीजों व लोगों के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि ''मुझे पवन कल्याण (दक्षिण भारत के मशहूर अभिनेता) बहुत पसंद हैं। मां ने मुझसे वादा किया था कि अगर मैंने विश्व रेकॉर्ड की कोशिश की तो वह मुझे पवन से मिलवाएंगी और अब मैं इसका इंतजार कर रहा हूं।'' साथ ही समन्यु ने आगे के प्लान के बारे में बताया कि वह अगले महीने ऑस्ट्रेलिया की पहाड़ियों की ऊंचाई को छूएंगे। उन्होंने कहा कि वह रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं।
समन्यु के रिकार्ड रचने में उनके साथ उनकी मां ने भी बहुत साथ दिया। समन्यु की मां लावन्या ने कहा कि समन्यु मई तक 10 चोटियों पर चढ़ाई कर रिकॉर्ड बनाने की कोशिश करना चाहता है। उन्होंने बताया कि किलिमंजारों पर पहुंचने के बाद स्वास्थ्य कारण के चलते मैं आधे रास्ते में ही रुक गई। लेकिन मेरे बेटे ने तब तक हार नहीं मानी जब तक का गंतव्य तक नहीं पहुंच गया। मैं बहुत ज्यादा परेशान और चिंतित थी क्योंकि वहां कि जलवायु परिस्थितियां अलग थीं।'
अफ्रीका के तंजानिया के माउंट किलिमंजारो ऐसा पर्वत है जहां ठंड की वजह से अच्छे-अच्छे घबरा जाएं, सात वर्षीय पोथुराजु ने इस पर जीत हासिल कर देश का नाम रोशन किया है। दुनिया की सात ऊंची चोटियों में से एक किलिमंजारों की चोटी है। अफ्रीका की इस चोटी पर पर्वतारोहियों का एक सपना होता है। विदेशी पर्वतारोही एवरेस्ट फतेह करने से पहले किलिमंजारों चोटी पर चढ़कर अपना विश्वास मजबूत करते हैं। समन्यु से सबसे कम उम्र में किलिमंजारों चोटी फतेह करके इतिहास रच दिया है। अब तक इससे पहले दुनिया का कोई भी पर्वतारोही इनती कम उम्र में किलिमंजारों की छोटी पर नहीं चढ़ा है।